भारतीय रेलवे में किस तरह के बोगी का उपयोग किया जाता है-ICF Bogie, LHB Bogie, Goods Bogie
बोगी और उनके प्रकार
इंडियन रेलवे में तीन तरह के Bogie का उपयोग किया जाता है.मालगाड़ी और पैसेंजर ट्रेन ICF and LHB के लिए अलग अलग प्रकार का बोगी उपयोग किया जाता है. जिस प्रकार के बोगी का उपयोग माल गाड़ी में किया जाता है उसका उपयोग पैसेंजर ट्रेन में नहीं किया जा सकता है.
इसी प्रकार जिस तरह के बोगी का उपयोग ICF and LHB Train में किया जाता है उनका उपयोग मालगाड़ी में नहीं किया जा सकता है.ICF Coach का बोगी या ट्रोली LHB Coach में नहीं उपयोग किया जा सकता है और LHB Coach का ट्रोली ICF Coach में उपयोग नहीं किया जा सकता है.
- ICF BOGIE
- FIAT BOGIE
- CASNUB BOGIE
ICF BOGIE और उसके महत्वपूर्ण पार्ट्स की जानकारी
ऑल-क्वायल आई.सी.एफ. बोगी
आई.सी.एफ./आर.सी.एफ. द्वारा वर्तमान में जो बोगियाँ निर्मित की जा रही हैं वे भारतीय रेलवे में मानक के रूप में प्रयोग हो रही है क्योंकि ये पूर्णतः वेल्ड की हुयी हल्की संरचना वाली होती है. एक्सल, टेलीस्कोपिक डैश पॉट एवं
एक्सल गाइड असेम्बली के द्वारा बोगी पर लगा रहता है.
हेलीकल स्प्रिंग, प्राइमरी एवं सेकेण्डरी दोनों स्थितियों में प्रयोग की जाती है. एक्सल गाइड, प्राइमरी स्प्रिंग के एक्रास चिपचिपी डेम्पिंग लगी रहती है जबकि हाइड्रॉलिक डैम्पर्स सेकेन्डरी स्टेज के एक्रास होते है। डैम्पर्स की, उछलने वाली फिटिंगों के कारण होने वाले मिस-एलाइनमेंट से रक्षा करता है.
प्राइमरी एवं सेकेण्डरी सस्पेंशन में लगे रबर पैड कम्पनों से बचाव करते हैं. खाली कोच के भार के कारण होने वाले विस्थापन, एक्सल एवं बोल्स्टर स्प्रिंगों के बीच बराबर से बॅट जाता है. कोच बॉडी का भार बोगी पर साइड बियररों के जरिये स्थानान्तरित होता है जो कि 1600 मिमी की दूरी पर लगे होते हैं.
साइड बियरर की स्लाइड धातु (मेटल) ऑयल बाथ में डूबी होने के कारण स्नेहित (लुब्रीकेट) रहती है. कोई भी लम्बबत भार(वर्टिकल वेट) बोगी पिवट के जरिये स्थानान्तरित नहीं होता है एवं पिवट एक मात्र घूमने वाले केन्द्र के समान कार्य करता है एवं केवल ट्रैक्टिव/ ब्रेकिंग फोर्स को भेजने का कार्य करता है.
- बोगी फ्रेम
- बोलेस्टर अपर प्लैंक
- वर्टिकल शॉक अब्सर्बर
- बोलिस्टर स्प्रिंग
- लोअर प्लैंक
- सेफ्टी लूप
- बी.एस.एस.हेंगर
- एक्सल बॉक्स सेफ्टी लूप
- एक्सल स्प्रिंग
- एक्सल बॉक्स विथ बैरिंग
- डैश पॉट गाइड
- एंकर लिंक
- इकवलाइिजंग स्टे राड
- सेण्टर पिवट
- साइड वियरर
- ब्रेक बीम
- ब्रेक सिलेंडर
- ब्रेक शू
- ब्रेक ब्लाक
- ब्रेक हेंगर
- ब्रेक रिगिंग (फ्लोटिंग,सपोर्टिंग,यू बार)
- ब्रेक बीम सेफ्टी वायर रोप
FIAT BOGIE और उसके महत्वपूर्ण पार्ट्स की जानकारी
फिएट बोगी का उपयोग इंडियन रेलवे में LHB coaches(Linke-Hofmann-Busch) में किया जाता है. FIAT- Fabrica Italina De Automobile Torino असल में इस बोगी के निर्माता कम्पनी का नाम है.फिएट बोगी (Fiat Bogie) युरोफिमा डिजाईन पर आधारित वेल्डेड एच फ्रेम टाइप है.
फिएट बोगी की बहुत सारी खूबियाँ हैं.फिएट बोगी में प्राइमरी और सेकेंडरी सस्पेंशन का उपयोग किया जाता है इसके अलावा इस बोगी में 9 डेम्पर का भी उपयोग किया गया है जिसके कारण इसमें यात्रा के दौरान यात्रियों को जर्क यानी झटके बहुत कम लगते हैं.
फिएट बोगी का उपयोग lhb coach में किया जाता है जो की एक हाई स्पीड ट्रेन होती है.फिएट बोगी में वैसे तो बहुत सारे पार्ट होते हैं और आप उन सब के नाम निचे देख सकते हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण पार्ट में से एक का नाम एंटी रोलबार है.एंटी रोलबर ट्रेन को कर्वेचर में मुड़ने के दौरान एक निश्चित सीमा से अधिक झुकने से बचाता है.
एंटी रोलबर की तरह डैम्पर भी बहुत महत्वपूर्ण पुर्जे होते हैं.एक फियत बोगी में कुल 9 डैम्पर लगे होते हैं जो की शॉक ओब्ज़ोर्बर की तरह काम करते हैं और गाडी के चलने के दौरान लगने वाले झटके को बहुत कम कर देते हैं ताकि यात्री अपनी यात्रा अच्छे से पूरी कर सके.इसके अलावा झटके कम लगने से ट्रेन के दुसरे पार्ट पुर्जे भी ख़राब नहीं होते हैं.
- गाइड रोलर
- यौ डैम्पर (Yaw Dampar)
- बोगी बोलस्टर
- बोलस्टर स्प्रिंग/सेकेंड्री सस्पेंशन
- सेकेंड्री वर्टिकल डैम्पर
- बोगी फ्रेम Y शेप
- एक्सल बॉक्स (CTRB)
- प्राइमरी वर्टिकल डैम्पर
- प्राइमरी सस्पेंशन स्प्रिंग
- ब्रेक पैड
- ब्रेक सिलेंडर
- कंट्रोल आर्म
- एंटी रोल बार
- ट्रेक्शन सेण्टर
- ट्रेक्शन लिवर
- क्रॉस सेक्शन
फिएट बोगी (Fiat Bogie) की और अधिक जानकारी
CASNUB BOGIE और उसके महत्वपूर्ण पार्ट्स की जानकारी
Casnub Bogie Ki Jankari
केसनब बोगी का उपयोग भारतीय रेलवे में सभी एयर ब्रेक वाले माल गाड़ियों में किया जाता है.CASNUB दो शब्दों CAS और SNUB को मिला कर बनाया गया है.CASNUB बोगी के दोनों शब्द CAS और SNUB के अलग अलग अर्थ हैं. CAS का अर्थ कास्ट स्टील होता है जब की SNUB का अर्थ SNUBBER SPRING होता है.इसमें कास्ट स्टील के दो साइड फ्रेम होते हैं जो एक फेब्रिकेटेड माइल्ल्ड स्टील लोअर प्लैंक के द्वरा जुड़े होते हैं.लोअर प्लैंक के ऊपर एक फ्लोटिंग बोलिस्टर दो स्प्रिंग ग्रुप के ऊपर रखा होता है.
केसनब बोगी के कई प्रकार होते हैं.जब पहली बार केसनब बोगी का उपयोग रेलवे में शुरू हुवा तो कुछ दिनों के परिचालन के बाद उसमे कई तरह की कमियां नज़र आने लगी फिर उन कमियों को दूर कर के एक नया डिजाईन बनाया गया जो केसनब बोगी का उप्ग्रेड रूप था.इसी प्रकार समय समय पर इन बोगियों में बदलाव होते गए और इनका नाम भी बदलता गया.
रूरी सुचना:
यह सामग्री रेलवे का कोई प्रमाणित ग्रन्थ, नियमावली अथवा मैनुअल नहीं है.इसे किसी भी प्रकार से व किसी भी दशा में कार्यपालन हेतु प्राधिकार न माना जाये. रेल कर्मचारियों के लिए यांत्रिक संबंधी मामलों में सम्बंधित नियमालियों को ही सन्दर्भ के लिए आधार माना जाये.
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